- नारायण जाधवलोकमत न्यूज नेटवर्कनवी मुंबई : राज्यातील २९ महापालिकांची रणधुमाळी सुरू झाली आहे. २०१५ ते २०१८ दरम्यान राज्यात २७ महापालिका होत्या. एकूण १२६८ वॉर्डात १७४३८ उमेदवार उभे होते. त्यात गेल्यावेळी २७३६ नगरसेवक निवडून आले होते. सर्वाधिक १०९९ नगरसेवक निवडून आल्याने भाजपा सर्वात मोठा पक्ष ठरला होता. भाजपापाठोपाठ एकसंघ शिवसेनेचे ४८९ तर अस्तित्वासाठी झटणाऱ्या काँग्रेसचेसुद्धा ४३९ नगरसेवक होते. यानंतर शरद पवारांची राष्ट्रवादी २९४ जागांवर चौथ्या स्थानावर होती. याशिवाय राज ठाकरेंची महाराष्ट्र नवनिर्माण सेनेचे २६ तर मायावतींच्या बसपाचे ३८ नगरसेवक होते. शेकाप, बहुविकास आघाडीसह इतर नोंदणीकृत पक्षांचे १५४ आणि ८९ अपक्ष म्हणून निवडून आले होते.
कोणाची किती मजल?शिवसेना : मुंबईत ८४, ठाणे ६७ आणि कल्याण-डोंबिवलीत ५२ अशी पन्नाशी ओलांडली होती.राष्ट्रवादी : नवी मुंबईत ५२, गृहजिल्हा पुण्यात ३९, पिंपरी-चिंचवडमध्ये ३६ आणि ठाण्यात ३४ अशी मजलमारली होती.मनसे : मुंबईत ७, कल्याण-डोंबिवली ९, नाशिक ५, पुणे २, पिंपरी-चिंचवड १ आणि चंद्रपूर २ अशी मजल मारली होती.
भाजपनागपूर १०८, मुंबईत ८२, पुणे ९७, पिंपरी-चिंचवड -७७, नाशिक ६६, मीरा-भाईंदर ६१, पनवेल ५१,धुळे ५०, जळगाव ५७ या शहरात ५० पार नगरसेवक होते.काँग्रेसनांदेडमध्ये ७३, भिवंडीत ४७, लातूर ३३, मुंबईत ३१, परभणी ३१, मालेगाव २८, कोल्हापूर २७, नागपूर २९, अमरावती १५, अकोला १३, चंद्रपूर १२, सोलापूर १४, सांगली २०, औरंगाबाद आताचे छ. संभाजीनगर, नवी मुंबई आणि मीरा-भाईंदर मध्ये १० अशी दुहेरी संख्या ओलांडली होती.
कोणत्या विभागात कोणत्या पक्षाचे प्राबल्य?मुंबई/कोकण : भाजप आणि तेव्हाची एकसंध शिवसेना या पक्षांचे प्राबल्य प्रामुख्याने दिसून येते. उत्तर महाराष्ट्र : उत्तर महाराष्ट्रात भाजप हा प्रमुख शक्तिकेंद्र आहे. पश्चिम महाराष्ट्र : पुणे व पिंपरी-चिंचवडमध्ये भाजप आघाडीवर असला तरी राष्ट्रवादीची स्थितीही मजबूत होती. कोल्हापूर, सांगलीत काँग्रेस–राष्ट्रवादी प्रभावी दिसून येते. मराठवाडा : मराठवाड्यात काँग्रेस आणि भाजप यांच्यात तीव्र संघर्ष दिसतो. विदर्भ : विदर्भात भाजपचे वर्चस्व सर्वाधिक ठळक आहे. त्या तुलनेत शिवसेना आणि राष्ट्रवादीची फारशी ताकद गेल्या वेळी नव्हती.
| महापालिका | एकूण जागा | भाजप | शिवसेना | काँग्रेस | राष्ट्रवादी | मनसे | इतर पक्ष | अपक्ष |
| बृहन्मुंबई | २२७ | ८२ | ८४ | ३१ | ९ | ७ | ९ | ५ |
| ठाणे | १३१ | २३ | ६७ | ३ | ३४ | ० | २ | २ |
| पुणे | १६२ | ९७ | १० | ९ | ३९ | २ | १ | ४ |
| नागपूर | १५१ | १०८ | २ | २९ | १ | ० | १० | १ |
| पिंपरी-चिंचवड | १२८ | ७७ | ९ | ० | ३६ | १ | ० | ५ |
| नाशिक | १२२ | ६६ | ३५ | ६ | ६ | ५ | १ | ३ |
| कल्याण-डोंबिवली | १२० | ४२ | ५२ | ४ | २ | ९ | २ | ९ |
| औरंगाबाद | ११५ | २२ | २८ | १० | ३ | ० | ३२ | १८ |
| वसई-विरार | ११५ | १ | ५ | ० | ० | ० | १०६ | ३ |
| नवी मुंबई | १११ | ६ | ३८ | १० | ५२ | ० | ० | ५ |
| सोलापूर | १०२ | ४९ | २१ | १४ | ४ | ० | १४ | ० |
| मीरा-भाईंदर | ९५ | ६१ | २२ | १० | ० | ० | ० | २ |
| भिवंडी-निजामपूर | ९० | १९ | १२ | ४७ | ० | ० | १० | २ |
| अमरावती | ८७ | ४५ | ७ | १५ | ० | ० | १९ | १ |
| मालेगाव | ८४ | ९ | १३ | २८ | २० | ० | १३ | १ |
| नांदेड-वाघाळा | ८१ | ६ | १ | ७३ | ० | ० | ० | १ |
| कोल्हापूर | ८१ | १३ | ४ | २७ | १५ | ० | १९ | ३ |
| अकोला | ८० | ४८ | ८ | १३ | ५ | ० | ४ | २ |
| उल्हासनगर | ७८ | ३२ | २५ | १ | ४ | ० | ५ | ११ |
| पनवेल | ७८ | ५१ | ० | २ | २ | ० | २३ | ० |
| सांगली-मिरज | ७८ | ४१ | ० | २० | १५ | ० | १ | १ |
| जळगाव | ७५ | ५७ | १३ | ० | ० | ० | ३ | २ |
| धुळे | ७४ | ५० | १ | ६ | ८ | ० | ८ | १ |
| लातूर | ७० | ३६ | ० | ३३ | १ | ० | ० | ० |
| अहमदनगर | ६८ | १४ | २४ | ५ | १८ | ० | ५ | २ |
| चंद्रपूर | ६६ | ३६ | २ | १२ | २ | २ | ९ | ३ |
| परभणी | ६५ | ८ | ६ | ३१ | १८ | ० | ० | २ |
Web Summary : In 2015-2018, BJP won most corporation seats (1099), followed by Shiv Sena (489). Congress secured 439, ahead of NCP (294). Regional parties and independents also won seats. BJP dominated in Nagpur, Pune, and Nashik, while Congress led in Nanded and Bhivandi.
Web Summary : 2015-2018 में, बीजेपी ने सबसे ज़्यादा निगम सीटें (1099) जीतीं, जिसके बाद शिवसेना (489) रही। कांग्रेस ने 439 सीटें हासिल कीं, जो एनसीपी (294) से आगे थी। क्षेत्रीय दलों और निर्दलियों ने भी सीटें जीतीं। नागपुर, पुणे और नासिक में बीजेपी का दबदबा रहा, जबकि नांदेड़ और भिवंडी में कांग्रेस आगे रही।