नवी दिल्ली : सरन्यायाधीश भूषण गवई यांच्यावर बूट फेकण्याचा प्रयत्न करणाऱ्या राकेश किशोर या वकिलाच्या विरोधात अवमान कारवाई सुरू करण्याचा विचार नसल्याचे सर्वोच्च न्यायालयाने सोमवारी सांगितले. स्वतः सरन्यायाधीशांनी त्या वकिलाविरुद्ध कारवाई न करण्याचा निर्णय घेतला असल्याचेही न्यायालयाने सोमवारी म्हटले आहे.
न्यायमूर्ती सूर्य कांत, न्या. जॉयमल्य बागची यांच्या खंडपीठाने म्हटले की, न्यायालयात घोषणाबाजी करणे आणि बूट, पादत्राणे फेकणे हा न्यायालयाचा अवमानच आहे. मात्र, पुढे कारवाई करायची की नाही, याचा निर्णय संबंधित न्यायाधीशावरच अवलंबून असतो.
English
हिंदी सारांश
Web Title : No action against lawyer in Chief Justice shoe-throwing case.
Web Summary : Supreme Court won't pursue contempt action against the lawyer who threw a shoe at Chief Justice Gavai. The Chief Justice himself decided against it. Court clarifies that while such actions are contemptuous, the decision to act rests with the judge.
Web Summary : Supreme Court won't pursue contempt action against the lawyer who threw a shoe at Chief Justice Gavai. The Chief Justice himself decided against it. Court clarifies that while such actions are contemptuous, the decision to act rests with the judge.
Web Title : मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने के मामले में वकील पर कोई कार्रवाई नहीं।
Web Summary : सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायाधीश गवई पर जूता फेंकने वाले वकील के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही नहीं करेगा। मुख्य न्यायाधीश ने स्वयं इसके खिलाफ फैसला किया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस तरह की हरकतें अवमानना हैं, लेकिन कार्रवाई का निर्णय न्यायाधीश पर निर्भर करता है।
Web Summary : सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायाधीश गवई पर जूता फेंकने वाले वकील के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही नहीं करेगा। मुख्य न्यायाधीश ने स्वयं इसके खिलाफ फैसला किया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस तरह की हरकतें अवमानना हैं, लेकिन कार्रवाई का निर्णय न्यायाधीश पर निर्भर करता है।