बर्थ डे स्पेशल : सनी देओलचे हिट डायलॉग
By ऑनलाइन लोकमत | Updated: October 19, 2016 16:41 IST2016-10-19T16:27:43+5:302016-10-19T16:41:05+5:30
‘बेताब’ या चित्रपटातून बॉलिवूडमध्ये एंट्री करणारा अॅक्शन हिरो सनी देओल डायलॉगसाठी प्रसिद्ध आहे. भारदस्त आवाजातील त्याचे डायलॉग नेहमीच प्रेक्षकांच्या ...
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बर्थ डे स्पेशल : सनी देओलचे हिट डायलॉग
‘ ेताब’ या चित्रपटातून बॉलिवूडमध्ये एंट्री करणारा अॅक्शन हिरो सनी देओल डायलॉगसाठी प्रसिद्ध आहे. भारदस्त आवाजातील त्याचे डायलॉग नेहमीच प्रेक्षकांच्या पसंतीस उतरले आहेत. असा एकही चित्रपट नाही, ज्यामधील त्याचे डायलॉग हिट झाले नसतील, अशाच काही डायलॉगचा घेतलेला हा आढावा...
- घायल : झक मारती है पुलिस. उतार के फेंक दो ये वर्दी और पहन लो बलवंत राय का पट्टा अपणे गले में...
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- घातक : पिंजरे मे आकार शेर भी कुत्ता बन जाता है!
- गदर : हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा
- बॉर्डर : जिंदगी का दुसरा नाम प्रॉब्लम है
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- दामिनी : तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख... तारीख मिलती रही है, लेकिन इंसाफ नही मिला... माई लॉर्ड इंसाफ नही मिला... मिली है तो सिर्फ यह तारीख.
- दामिनी : मैदान मे खुले शेर का सामना करोगे... तुम्हारे मर्द होने की गलतफहमी दूर हो जाएगी
- दामिनी : जिल्लो मत... नही तो ये केस यहीं रफा-दफा कर दूंगा... न तारीख, न सुनवाई, सीधा इंसाफ वो भी ताबडतोब.
- दामिनी : जब ये ढाई किलो का हाथ किसी पे पडता है तो आदमी उठता नही उठ जाता है!
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- गदर : मै अपने बीवी बच्चों के लिए सर झुका सकता हूं... तो मैं सबके सर काट भी सकता हूं!
- घातक : मर्द बनने का इतना शौक है तो कुत्तो का सहारा लेना छो दें
- जीत : इन हाथों ने हथिययार छोडे है... चलाना नही भूले!
- जिद्दी : पत्थरों की दुनिका में देवता बनना तो बहुत आसान है, इंसान बनना बहुत मुश्किल.
जिद्दी : मौत और वक्त का कोई ताल-मेल नहीं होता.
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- नरसिम्हा : र्इंट और पत्थर जवाब देने के लिए नही होते, घर बनाने के लिए होते है!
- कहर : गुंडे और गुंडागर्दी यही से जन्म लेते है. जिसे आप पुलिस स्टेशन कहते है!
- घायल : झक मारती है पुलिस. उतार के फेंक दो ये वर्दी और पहन लो बलवंत राय का पट्टा अपणे गले में...
- घातक : पिंजरे मे आकार शेर भी कुत्ता बन जाता है!
- गदर : हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा
- बॉर्डर : जिंदगी का दुसरा नाम प्रॉब्लम है
- दामिनी : तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख... तारीख मिलती रही है, लेकिन इंसाफ नही मिला... माई लॉर्ड इंसाफ नही मिला... मिली है तो सिर्फ यह तारीख.
- दामिनी : मैदान मे खुले शेर का सामना करोगे... तुम्हारे मर्द होने की गलतफहमी दूर हो जाएगी
- दामिनी : जिल्लो मत... नही तो ये केस यहीं रफा-दफा कर दूंगा... न तारीख, न सुनवाई, सीधा इंसाफ वो भी ताबडतोब.
- दामिनी : जब ये ढाई किलो का हाथ किसी पे पडता है तो आदमी उठता नही उठ जाता है!
- गदर : मै अपने बीवी बच्चों के लिए सर झुका सकता हूं... तो मैं सबके सर काट भी सकता हूं!
- घातक : मर्द बनने का इतना शौक है तो कुत्तो का सहारा लेना छो दें
- जीत : इन हाथों ने हथिययार छोडे है... चलाना नही भूले!
- जिद्दी : पत्थरों की दुनिका में देवता बनना तो बहुत आसान है, इंसान बनना बहुत मुश्किल.
जिद्दी : मौत और वक्त का कोई ताल-मेल नहीं होता.
- नरसिम्हा : र्इंट और पत्थर जवाब देने के लिए नही होते, घर बनाने के लिए होते है!
- कहर : गुंडे और गुंडागर्दी यही से जन्म लेते है. जिसे आप पुलिस स्टेशन कहते है!